भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|रचनाकार=अरुणा राय
}}
ग़ुलामों की{{KKCatKavita}}<brpoem>ग़ुलामों की ज़ुबान नही होती <br> सपने नही होते<br>इश्क तो दूर<br>जीने की<br>बात नही होती<br>मैं कैसे भूल जाऊँ <br> अपनी ग़ुलामी <br> कि अपना ख़ुदा होना <br>
कभी भूलता नहीं तू...
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits