भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
|संग्रह=अन्धे कहार / अवतार एनगिल
}}
{{KKCatKavita}}<poem>हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
मेरी मां सुबह से
लगातार
लगातार कपड़े धो रही है
******** ----------
वह चौके-बासन से निंबटकर
हाथ पोंछते हुए
और दो इस्पाती हथेलियों में
कैद हो जाती है
********-----------
वह आदमी
जो हर पोस्टर पर छपा है
हर दीवार पर खुदा है
जो हज़ार बरसों से गुमशुदा है....।</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,333
edits