{{KKRachna
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
|संग्रह=मेरा सफ़र / अली सरदार जाफ़री
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<poem>
दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँअवल कँवल खिलते हैं
फैल जाती है तिरे हर्फ़े-वफ़ा की ख़ुशबू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से