भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सेमल / त्रिलोचन

906 bytes added, 02:42, 10 नवम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन }}<poem>सेमल अपने लाल लाल फूलों से भूमि और …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>सेमल अपने लाल लाल फूलों से
भूमि और आकाश का
अभिनंदन करता है।

उस का हुलास वातावरण को
अहोरात्र दीप्ति देता है
वह सूर्य चंद्र और तारों का
साथी है, सहचर है
निंदक भी उसके पास आते हैं
निंदा कर जाते हैं।

सेमल नें मुझ से कहा--
मुझे मिला है जो कुछ
उसी से मैं पास आने वालों का
सत्कार करता हूँ
अपने लिये उन से
कोई आशा नहीं करता।

6.11.2002 </poem>
750
edits