भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आलोक श्रीवास्तव-2२
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मैं जानता हूँ
तुम कुछ नहीं सोचती मेरे बारे में