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<Poem>
"तुम्हें उदासी क्यों घेरती है, पिछले जन्मों में मेरे जो दुख यहाँ छूट गए थे, मैंमैं तो उन्हें उठाने आई थी। हमारे प्रेम की बुनावट में छिपा था वह नक्शा जिससे मैंअपने दुखों तक पहुँच सकती थी। देखो, मैंने उसके सहारे अपने दुख दोबारा पालिए हैं। तुम मुझे कोस सकते हो लेकिन अपने दुखों को पाने यहाँ आना ही मेराहोना है और मुझे वहाँ तक पहुँचाना तुम्हारा । तुम्हारे हिस्से आना था दुख सहना
और मेरे हिस्से पूर्व जन्म के दुखों को खोई जागीर की तरह पाना ।"
वह उसे अपनी खिड़की से धीरे-धीरे ओझिल होते देखता है ।"
</poem>
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