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{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>नीबू
सुगंध के लिए भी
सर्वप्रिय है।
भारत में जहाँ कहीं गाँव हैं
नीबू के पेड़ मिलेंगे।
नीबू का प्रयोग
नाना रूप में है
यह बरस भर मिलता है
जैसे लोग सुगंधित फूल
हाँथ में ले कर चलते हैं
वैसे ही नीबू को ले कर भी।
नीबू सुलभ और स्वादिष्ट
पेय है। भारतीय संस्कृति का
पोषक और प्रेरक है।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>नीबू
सुगंध के लिए भी
सर्वप्रिय है।
भारत में जहाँ कहीं गाँव हैं
नीबू के पेड़ मिलेंगे।
नीबू का प्रयोग
नाना रूप में है
यह बरस भर मिलता है
जैसे लोग सुगंधित फूल
हाँथ में ले कर चलते हैं
वैसे ही नीबू को ले कर भी।
नीबू सुलभ और स्वादिष्ट
पेय है। भारतीय संस्कृति का
पोषक और प्रेरक है।
</poem>