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[[Category:कविताएँ]]
[[Category:गीत]]
कलरव घर में नहीं रहासन्नाटा पसरा है
हाकिम कहता है
हाकिम का भी अपराधी से रिश्ता गहरा है।
वैसाखी देते हो
दहशत में है आम आदमी, तुमसे खतरा है।
देव झरोखे में
गूंगों की पंचायत करने वाला बहरा है।
भैंसा काटोगे
तेरी बारी है चोरी की, तेरा पहरा है।
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