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वो सुख तो कभी था ही नहीं / श्रद्धा जैन
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12:16, 13 नवम्बर 2009
लड़खड़ाते क़दमों को देख लोग मुस्कराते
कोई कहता शराबी तो कई पागल बुलाते
पर कोई न होता
,
जो मुझे
सम्हल
संभाल
पाता
गिरे देखकर अपना हाथ बढ़ाता
जिसकी तलाश में खुद को गिराती रही
Shrddha
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