Changes

पिकनिक / परवीन शाकिर

583 bytes added, 15:37, 14 नवम्बर 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=परवीन शाकिर |संग्रह=खुली आँखों में सपना / परवीन …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=परवीन शाकिर
|संग्रह=खुली आँखों में सपना / परवीन शाकिर
}}
{{KKCatNazm}}
<poem>
सखियाँ मेरी
खुले समन्दर बीच खड़ी हैं
और मैं सबसे दूर अलग साहिल पर बैठी
आती-जाती लहरों को गिनती हूँ
या फिर
गीली रेत पे तेरा नाम लिखे जाती हूँ
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits