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{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>देव है कोई,
कहाँ रहता है,
प्रश्न ये मुझको (बहुत)
बेचैन करते हैं।
लोग कहते हैं
यजन से खिंचते (हुए सुर)
तुष्ट होते हैं
चाहिये क्या और।
5.01.2003</poem>
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|रचनाकार=त्रिलोचन
}}<poem>देव है कोई,
कहाँ रहता है,
प्रश्न ये मुझको (बहुत)
बेचैन करते हैं।
लोग कहते हैं
यजन से खिंचते (हुए सुर)
तुष्ट होते हैं
चाहिये क्या और।
5.01.2003</poem>