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|मृत्यु=15 नवम्बर 2009
|कृतियाँ=गेरू की लिपियाँ, दोपहर में गुलमोहर (दोनो नवगीत-संग्रह) आदमी को देखकर (ग़ज़ल-संग्रह) है बहुत मुमकिन(गीतों का एक चयन)
|विविध=धर्मयुग, वागर्थ, आजकल, गगनांचल, मधुमति, दस्तावेज़ आदि पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित व आकाशवाणी, दूरदर्शन से प्रसारित। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का 'निराला' नामित पुरस्कार दो बार प्राप्त करने वाले पहले कवि। तीन काव्य संकलन प्रकाशितप्रकाशित। डा० जगदीश गुप्त उन्हे नवगीत का भगीरथ कहा करते थे।
|जीवनी=[[अमरनाथ श्रीवास्तव / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=amarnath srivastav, shrivastava, srivastava