भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

दर्द आशोब / फ़राज़

No change in size, 14:00, 22 नवम्बर 2009
*[[न इंतज़ार की लज़्ज़त , न आरज़ू की थकन / फ़राज़]]
*[[हम तो यूँ ख़ुश थे कि इक तार गिरेबान में है / फ़राज़]]
*[[ख़ामोश हो क्यों दादे-ज़फ़ा क्यों क्यूँ नहीं देते / फ़राज़]]
*[[इज़्हार / फ़राज़]]
*[[ख़ुदकुशी / फ़राज़]]