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|रचनाकार=नासिर काज़मी
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[[Category:गज़ल]]{{KKCatGhazal}}
गिरिफ़्ता-दिल हैं बहुत आज तेरे दीवाने <br>
ख़ुदा करे कोई तेरे सिवा न पहचाने <br><br>