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फिर कबीर / मुनव्वर राना

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*[[फ़रिश्ते आ के उनके जिस्म पर झाड़ू लगाते हैं / मुनव्वर राना]]
*[[किसी भी मोड़ पर तुम से वफ़ादारी नहीं होगी / मुनव्वर राना]]
*[[उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है / मुनव्वर राना]]
*[[चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है / मुनव्वर राना]]
*[[महब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है / मुनव्वर राना]]
*[[तुम उचटती -सी एक नज़र डालो / मुनव्वर राना]]
*[[हमारी ज़िन्दगी का इस तरह हर साल कटता है / मुनव्वर राना]]