टूटती है बिजलियाँ इनके लिये
है जवानी ख़ुद जवानी का सिन्ग़ार सिंगार सादगी गहना है उस सिन्न सिन के लिये
कौन वीराने में देखेगा बहार
फूल जंगल में खिले किनके लिये
सारी दुनिय दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये
अब कोई हूर आयेगी इनके लिये
वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर मुख़्तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये
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