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[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
हाले-मज़बूरिएमजबूरिए-दिल<ref >दिल की मजबूरी की हालत</ref> की निगराँ<ref >देखने वाली</ref> ठहरी है
देखना वह निगहे-नाज़ कहाँ ठहरी है