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कह-मुकरियाँ / अमीर खुसरो

No change in size, 04:11, 7 दिसम्बर 2009
मुँह से मुँह लाग रस प्यावे।
वा खातिर मैं खरचे दाम,
सखी सखि साजन न सखि! आम।।
23.