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क्योंकि कविता भी बदलती है / वर्तिका नन्दा
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20:14, 11 दिसम्बर 2009
|रचनाकार=वर्तिका नन्दा
}}
{{KKCatKavita}}
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बचपन में कविता लिखी
अब उस पर कविता लिखती औरत के पांव हैं
बुवाइयों भरे।
</poem>
अनिल जनविजय
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