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|रचनाकार=अनवर सुहैल|संग्रह=और थोड़ी-सी शर्म दे मौला / अनवर सुहैल
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अक़्ल वालों को
अक़्ल दे मौला
इल्म वालों को
इल्म दे मौला
धर्म वालों को
धर्म दे मौला
और थोड़ी सी
शर्म दे मौला!
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