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तुम जाना मत जानम मेरे
मैं फिर मरुथल हो जाऊंगा..
 
'''तुम -६'''
 
मुझमें डूब गया है चाँद
और सुबह हो गयी
रात कितनी काली थी
अब सोचता हूं मैं..
</poem>
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