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मिट्टी में काले पानी में।
कितनों ने हथकड़ी-बेड़ियों की झन-झन पर
जिसको गाया,
और सुनाया,
मन बहलाया
जबकि डाल वे दिये गये थे
देश प्रेम का मूल्य चुकाने
कठिन, कठोर, घोर कारागारों में।
<poem>
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