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अभी-अभी / राहुल झा

6 bytes removed, 08:26, 26 दिसम्बर 2009
<Poem>
अभी-अभी
ल्सहरों लहरों को छोड़कर
गुज़र गई है शोख हवा
लहरें देर तक बजती रहेंगी...!
</poem>
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