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क्रूर जीवन का दृश्य / आरागों

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|रचनाकार=लुई आरागों
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 {{KKCatKavita}}
<poem>
:::लुई दल्युक के लिए
मुझे लगता है कि वह मुझे भूल गई होगी
::::पागलपन में
इंतज़ार है कि वह बाँधेगी मुझे अपनी ख़ुशी से
::::आलिंगन में
अगर धोखा दिया उसने मुझे
::::हाँ-हाँ धोखा
किसी मूरत सी सुन्दर क्यों न हो वह
::::मैं उसे मार ही न डालूँ।  
ले देस्तीने द ला पोयज़ी(1925-1926) से
</poem>
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
</poem>
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