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Kavita Kosh से
|रचनाकार=अमेलिया हाउस
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प्रसव के समय से आगे बढ़ी हुई
जनवाना ही होगा तुम्हें
ज़बरन।
'''अंग्रेज़ी से अनुवाद : हेमन्त जोशी
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