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|भाषा=भदावरी
}}
[[Category: लोकगीत]]<poem>होरी खेलूँगी श्याम तोते नाय हारूँ <br>उड़त गुलाल लाल भए बादर, भर गडुआ रंग को डारूँ<br>होरी में तोय गोरी बनाऊँ लाला, पाग झगा तरी फारूँ<br>औचक छतियन हाथ चलाए, तोरे हाथ बाँधि गुलाल मारूँ।<brpoem>
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