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|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
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इतिहास के बहुत से भ्रमों में से
एक यह भी है
कि महमूद ग़ज़नवी लौट गया था
लौटा नहीं था वह
यहीं था
सैंकड़ों बरस बाद अचानक
वह प्रकट हुआ अयोध्या में
सोमनाथ में उसने किया था
अल्लाह का काम तमाम
इस बार उसका नारा था
जय श्रीराम।
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