भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
खेलता हुआ बच्चा
जाने कब गिरा छटपटाया और डूब गया
देखते रहे सब
पर्वत के पीछे धीरे-धीरे डूबता हुआ सूरज
पानी में सदियों से डूबी चट्टान।
</poem>