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चंद्रिका चकोर देखै निसि दिन करै लेखै / आलम
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|रचनाकार= आलम
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[[Category: कवित्त]]
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चंद्रिका चकोर देखै निसि दिन करै लेखै ,
रीझिबे को पैड़ो अरु बूझ कछु न्यारी है ।
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आलम का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मेहरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।
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