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तूँ क्यों रान्याँ का भैय्या!
नीन्दडली में सुत्यां सूत्याँ राज। थारी तो माँ की जाया
सासरियो में झूरे राज,
ऊठी छी वीर मिलन,
न टूटयो बाई रो हारो राज
हारो तो फेर पुओसां,
वीरान सूँकद मिल्स्याँ राज,
चुग देगी सोन चिड़ी
कैठे की सोन चिड़ी
न कैठे को बणजारो राज,
दिल्ली की सोन चिड़ी
के मांगे सोन चिड़ी
घी मांगे सोन चिड़ी
न गुड मांगे बणजारो राज,
घी देस्याँ सोन चिड़ी
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