गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नदी-1 / रंजना जायसवाल
379 bytes added
,
18:34, 23 जनवरी 2010
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / …
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना जायसवाल
|संग्रह=मछलियाँ देखती हैं सपने / रंजना जायसवाल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
भरा बादल है
मन...
मत छेड़ो
फिर कहोगे
बौरा गई है
नदी...।
</poem>
पूजा जैन
126
edits