Changes

साँचा:KKPoemOfTheWeek

990 bytes removed, 15:26, 31 जनवरी 2010
<tr><td rowspan=2>[[चित्र:Lotus-48x48.png|middle]]</td>
<td rowspan=2>&nbsp;<font size=4>सप्ताह की कविता</font></td>
<td>&nbsp;&nbsp;'''शीर्षक: अय तिरंगे शान तेरीबलि-बलि जाऊँ<br>&nbsp;&nbsp;'''रचनाकार:''' [[जगदीश तपिशश्रीधर पाठक]]</td>
</tr>
</table>
<pre style="overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none; font-size:14px">
अय तिरंगे शान तेरी कम ना होने देंगे हम 1.तू हमारा दिल जिगर है तू हमारी जान है तू भरत है तू ही भारत तू ही हिन्दुस्तान है पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँअय तिरंगे शान तेरी कम ना होने देंगे हम बलि-बलि जाऊँ हियरा लगाऊँतू हमारी आत्मा है तू हमारी जान है हरवा बनाऊँ घरवा सजाऊँ तेरी खुशबू से महकती देश की माटी हवा हर लहर गंगा की तेरे गीत गाती है सदा तू हिमालय के शिखर पर कर रहा अठखेलियां तेरी छांव में थिरकती प्यार की सौ बोलियां तू हमारा धर्म है मजहब है तू ईमान है जागरण है रंग केसरिया तेरे अध्यात्म मेरे जियरवा का चक्र सीने पर है तेरे स्फुरित विश्वास , तन का, जिगरवा का भारती की आंख मन का, मँदिरवा का तारा बना है रंग हरा प्यारा बसैयातू दीवाली तू ही होली और तू ही दशहरा मैं बलि-बलि जाऊँआस्था है तू जवानों की वतन की आन है भारत पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँ तू शहीदों की शहादत से लिपटकर जब चला 2.भारती के लाल की तुरबत से उठ के जब चला आंख भर आई करोडों सर झुके सम्मान में भोली-भोली बतियाँ, साँवली सुरतियादेखते हैं हम तुझे हर वीर के मन प्राण में काली-काली ज़ुल्फ़ोंवाली मोहनी मुरतियादेश मेरे नगरवा का बचपन जवानी तुझ पे सब कुर्बान है , मेरे डगरवा कामेरे अँगनवा का, क्वारा कन्हैयामैं बलि-बलि जाऊँभारत पै सैयाँ मैं बलि-बलि जाऊँ
</pre>
<!----BOX CONTENT ENDS------>
</div><div class='boxbottom_lk'><div></div></div></div>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,348
edits