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वार्ता:पंजाबी लोकगीत

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[[तू सच सच आख वे जोगी,
 
सजन मिलसी के न मिलसी.,
 
मिलन होसी के न होसी,
अधी राती पकन केले
 
विच्छ्डयाँ नूं रब आप सेले
 
तू सच सच आख वे जोगी
 
सजन मिलसी के न मिलसी
 
मिलन होसी के न होसी,
 
 
अधी राती पकन आडू
 
वगण नदियाँ तरण तारु
 
तू सच सच आख वे जोगी
 
सजन मिलसी के न मिलसी
 
मिलन होसी के न होसी,
अधी राती चमकण तारे
 
जुदाई वाले तीर सानुं किस मारे
 
न तुसां मारे न असां मारे
 
मारण वाला प्रभु आप जाणे
तू सच सच आख वे जोगी
 
सजन मिलसी के न मिलसी
 
मिलन होसी के न होसी,]]'''
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