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ख़ुदा / मोहम्मद अलवी

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नया पृष्ठ: == खुदा ==<poem>मुझे इसका दुःख है की मैंने तुझे आज तक क्यों न जाना खुदा ऐ …

== खुदा ==<poem>मुझे इसका दुःख है
की मैंने तुझे
आज तक क्यों न जाना
खुदा ऐ खुदा
मैं समझाता था तू
एक जालिम है जो
मुझ पे जुल्मो सितम ढा रहा है
मुझे ये खबर ही नहीं थी
की तू भी
दुखी है
अकेला है
मैं और तू
एक ही आग में जल रहें है </poem>
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