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काला शाह काला / पंजाबी

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नया पृष्ठ: पुकारता चला हूँ मैं<br/> गली गली बहार की<br/> बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की<br/> बस …
पुकारता चला हूँ मैं<br/>
गली गली बहार की<br/>
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की<br/>
बस इक निगाह प्यार की<br/>
पुकारता चला हूँ मैं<br/>

ये दिल्लगी ये शोखियाँ सलाम की<br/>
यहीं तो बात हो रही है काम की<br/>
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ़<br/>
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की<br/>
पुकारता चला हूँ मैं<br/>

सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से<br/>
घटा उतर के आ गयी ज़मीन पे<br/>
रही यही लगन तो ऐ दिल-ए-जवाँ<br/>
असर भी हो रहेगा इक हसीन पे<br/>
पुकारता चला हूँ मैं
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