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02:51, 17 फ़रवरी 2010 मुड़ मुड़ के न देख, मुड़ मुड़ के<br />
ज़िंदगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है<br />
हम भी तेरे हमसफ़र हैं<br />
आये गये मंज़िलों के निशाँ<br />
लहरा के झूमा झुका आसमाँ<br />
लेकिन रुकेगा न ये कारवाँ<br />
मुड़ मुड़ के न देख ...<br />
नैनों से नैना जो मिला के देखे<br />
मौसम के साथ मुस्कुरा के देखे<br />
दुनिया उसी की है जो आगे देखे<br />
मुड़ मुड़ के न देख ...<br />
दुनिया के साथ जो बदलता जाये<br />
जो इसके ढाँचे में ही ढलता जाये<br />
दुनिया उसी की है जो चलता जाये<br />
मुड़ मुड़ के न देख ...