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अक्स / कुमार सुरेश

1 byte added, 16:30, 18 फ़रवरी 2010
अपनी सफलताओं के सारे जश्न
उनके बताए अनुसार मनाएँ
 
असफलताओं के जिम्मेदार हम खुद
हमारे बच्चे हों
उनके पास
उनकी ज़रूरतों का एक आईना हैऔर उस आईने में हमारा अक्स है।
</poem>
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