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यही विश्वास विश्‍वास रख मन में कि तेरी लौ अनश्वर अनश्‍वर है
दिखाई दे रहा जो रूप, मृण्मय आवरण भर है
भले ही देह मिटती हो, तुझे कब काल का डर है!
 
धरे पथ सत्य का अविकल
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