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16:47, 21 फ़रवरी 2010 {{KKGlobal}}
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|वर्ग= अन्य गीत
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<poem>
भेज कहार, पिया जी बुला लो
कोई रात रात जागे
डोली पड़ी पड़ी द्योड़ी में
अरथी जैसी लागे
भेज कहार, पाली जी बुला लो
साँझ ढले सूनी गली, दरवाज़े तक आए
कोई नहीं आया अभी, इतनी खबर दे जाए
भेज कहार ...
आकाश में कागा उड़े, बैठे न मेरे बनेरे
ठंडी नमी जलती नहीं, फूँकूँ कहाँ तक अंधेरे
भेज कहार ...
</poem>