Changes

प्रकाश के रंग / त्रिलोचन

22 bytes added, 23:49, 21 फ़रवरी 2010
|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
}}
{{KKCatKavita}}<poem>
प्रकाशों की धारा दिवस रजनी नित्य बहती
 
सभी की आँखों में अदिख छवि लाई मचल के
 
सधे आवर्तों में घिर कर कई प्राण बहके
 इन्हीं में रंगों की लहर उमड़ी व्योम-सरि सी.
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,687
edits