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Kavita Kosh से
*[[रास्तों पर हर जगह परछाइयाँ बिखरी हुईं / विनोद तिवारी]]
*[[हमारी क़ौम का इतिहास तो पुराना था / विनोद तिवारी]]
*[[अब चलो मेहनतकशों के गीत गाएँ/ विनोद तिवारी]]
*[[लिख गया नारे कोई दीवार पर / विनोद तिवारी]]
*[[ज़मीन पाँव तले आसमान सर पर है / विनोद तिवारी]]