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हर ख़ुशी में कोई कमी सी है / जावेद अख़्तर
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16:33, 23 फ़रवरी 2010
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हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है
हसरतें राख हो गईं लेकिन
आग अब भी कहीं दबी-सी है
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द्विजेन्द्र द्विज
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