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समयातीत पूर्ण-7 / कुमार सुरेश

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[[7. समयातीत पूर्ण ]]{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=कुमार सुरेश}}{{KKCatKavita‎}}<poem>हे आत्म-द्रष्टा !
हम यह शरीर मात्र हैं तो
हमारी निराशा बड़ी गहन
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