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मिट्टी दा बावा (1) / पंजाबी

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मेरा सोहणा माही, आजा वे
</poem>
|| width="400" bgcolor="blue"|cell2<poem>मिटटी दा मैं बावा बनाणीआंउत्ते चा दिन्नी आं खेसीवतनां वाले माण करनकी मैं माण करां परदेसीमेरा सोहणा माही, आजा वे बूहे अग्गे लावां बेरीआंगल्लां घर-घर होंण तेरीआं ते मेरीआंवे तू शकल दिखा जा वेमेरा सोहणा माही, आजा वे बूहे अग्गे पाणी वगदासाडा कल्लआं दा जी नईओं लगदासानूं गल नाल लाजा वेमेरा सोहणा माही, आजा वे</poem>
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