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अनन्त मुखी / चंद्र रेखा ढडवाल
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08:08, 7 मार्च 2010
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<poem>
भर पेट खाने के बाद
लोटा भर पानी पी
सो जाता है आदमी
सजग आँखों
बच्चों का
लौट
ना
लौटना
देखती
नल की धार तले
दो थालियाँ रखती
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