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{{KKRachna
|रचनाकार=रघुवीर सहाय
}}
{{KKCatKavita}}<poem>राष्ट्रगीत में भला कौन वह<br>भारत-भाग्य-विधाता है<br>फटा सुथन्ना पहने जिसका<br>गुन हरचरना गाता है।<br>मखमल टमटम बल्लम तुरही<br>पगड़ी छत्र चंवर के साथ<br>तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर<br>जय-जय कौन कराता है। <br>पूरब-पश्चिम से आते हैं<br>
नंगे-बूचे नरकंकाल<br>
सिंहासन पर बैठा,उनके<br>तमगे कौन लगाता है। <br>कौन-कौन है वह जन-गण-मन<br>अधिनायक वह महाबली<br>डरा हुआ मन बेमन जिसका<br>
बाजा रोज बजाता है।
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