भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

डर / रघुवीर सहाय

29 bytes added, 19:23, 7 मार्च 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार = रघुवीर सहाय|संग्रह = एक समय था / रघुवीर सहाय
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>
बढ़िया अंग्रेज़ी वह आदमी बोलने लगा
 
जो अभी तक मेरी बोली बोल रहा था
 
मैं डर गया ।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits