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आप भी अब मिरे गम बढ़ा दीजिए / श्रद्धा जैन
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15:16, 10 मार्च 2010
<poem>
आप भी अब मिरे गम बढ़ा दीजिए
मुझको
उम्र
लंबी
उमर की
हो मेरी
दुआ दीजिए
मैँने
मैंने
पहने
हैँ
हैं
कपड़े, धुले आज फिर
तोहमतें अब नई कुछ लगा दीजिए
हंसते हंसते जो इक पल में गुमसुम हुई
राज़ "श्रद्धा"
नमीं
नमी
का बता दीजिए
</poem>
Shrddha
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