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|रचनाकार=ग़ालिब|संग्रह= दीवान-ए-ग़ालिब / ग़ालिब
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[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>कब वो सुनता है कहानी मेरी
और फिर वो भी ज़बानी मेरी
ख़लिशे-ग़मज़ए-खूंरेज़ <ref>खून-छिड़कती चोर नज़रें की चुभन</ref> ना पूछदेख खूंनाबा-फ़िशानी<ref>ताजा बहा खून का प्रवाह</ref> मेरी
क्या बयां करके मेरा रोएंगे यार
रुक गया देख रवानी मेरी
दहन <ref>मुँह</ref> उसका जो न मालूम हुआखुल गयी हेचमदानीहेच-मदानी<ref>अंनजानापन</ref> मेरी
कर दिया ज़ो'फ़ ने आ़ज़िज़ "ग़ालिब"
नंग-ए-पीरी<ref>बुढ़ापे को लज्जित करने वाली</ref> है जवानी मेरी</poem>
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