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}}'''संगीतकार : हेमंत'''<br />
'''गायक : रफी''' <br />
<br /><br /poem>पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल केअक्षर सभी पलट गए भारत के भाल केमंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल केसदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के<br /><br />पासे सभी उलट गए दुश्मन कि चाल के<br />अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के<br />मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के<br />सदियों के बाद फ़िर उड़े बादल गुलाल के<br /><br />हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के<br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के<br />तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के<br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के<br />...<br />देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा <br />इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा<br />रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के<br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के<br /><br />हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...दुनियां दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता <br />मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता <br />भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के<br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के<br /><br />हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के... एटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनियां <br />दुनियाबारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनियां <br />दुनिया तुम हर कदम उठाना जरा देखभाल के<br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के<br /><br />हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के... आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो <br />सपनों के हिंडोलों मे मगन हो के न झुलो<br />अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो<br />उठो छलांग मार के आकाश को छु छू लो<br />तुम गाड़ दो गगन मे में तिरंगा उछाल के <br />इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...<br /poem>